वैघ उद्धवदास मेहता जो कि नाड़ी वैध रहे हैं भोपाल के सुप्रसिद्ध वैधो में से एक रहे । वाराणसी से वैघाशास्त्री कि उपाधी अर्जित के पश्चात् १९४० में अपना औषघालय चौक बाज़ार मैं खोला । भोपाल राज्य में उनका रजिस्ट्रेशन नंबर १ था, जो बाद में मध्यप्रदेश बनने के पश्चात् ४५६५ हो गया था । अनेक रोगो पर उन की सिध्हस्ता हासिल थी वैध मेहता जी ने १९६५ में अपना औषघालय न्यू मार्केट में खोला ।
वैघ उद्धवदास मेहता १९६५ से १९८३ तक बैठे। वैध मेहता जी के सुपुत्र वैध गोपाल दास मेहता १९७६ में औषघालय में बैठना प्रारम्भ किया । वैध गोपालदास मेहता बी. ए.एम.ए. की डिग्री एवम् आयुर्वेद रत्न की उपाधि प्राप्त की । वह निरंतर ५० वर्षो से रोगियों का निदान कर रहे है लगभग ५ लाख रोगियों का निदान कर चुके है।
वैघ गोपालदास मेहता के सुपुत्र डॉ.सौरभ मेह्ता ने राजीव गाँधी विश्वविघालय बैगलोर में सन् २००६ में बीए एमएस की आयुर्वेदाचार्य की उपाधि प्राप्त की एवम् आयुर्वेद वाचस्पति की उपाधि एम.डी.(आयुर्वेद)२०१५ ने भोपाल विश्वविघालय से प्राप्त की तथा वर्ष २०१६ से निरन्तर औषघालय में अपनी सेवाए दे रहे है।